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गौर से देख इस ताज को और महसूस कर इसकी फिज़ाओं में

गौर से देख इस ताज को और महसूस कर
इसकी फिज़ाओं में कितनी 
सुकुनियत है।
इसके हर ज़रे-ज़रे में खुदा की खुदाई बस्ती है,
ये महज़ एक  इमारत नहीं,
 ये इश्क़ में सरफ़रोशी की निशानी है।।

क्यों तू खुद को तकलीफ दे रहा?
बिखरने से क्या होगा, निखार खुद को और 
चमक इस सूरज की तरह
तू भी नाज़ कर अपनी दास्तान-ए-मोहब्बत पर। 
इसे भी तो शाहजहां ने मुमताज़ के जाने
 के बाद ही बनाया था।। #tajmahal #SignOfLove
#daastan_e_mohabbat
#nojotopoem #lovequotes
गौर से देख इस ताज को और महसूस कर
इसकी फिज़ाओं में कितनी 
सुकुनियत है।
इसके हर ज़रे-ज़रे में खुदा की खुदाई बस्ती है,
ये महज़ एक  इमारत नहीं,
 ये इश्क़ में सरफ़रोशी की निशानी है।।

क्यों तू खुद को तकलीफ दे रहा?
बिखरने से क्या होगा, निखार खुद को और 
चमक इस सूरज की तरह
तू भी नाज़ कर अपनी दास्तान-ए-मोहब्बत पर। 
इसे भी तो शाहजहां ने मुमताज़ के जाने
 के बाद ही बनाया था।। #tajmahal #SignOfLove
#daastan_e_mohabbat
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