बारिश की फुँहार भी अब चुभती हैं,, तेरी अनकही बात भी अब चुभती हैं। लाख कोशिशों से भी हारा नहीं था मैं,, पर छोटीसी हार भी अब बहुत चुभती हैं।। #हार#चुभन#बारिश