आया आया अलमस्त फ़क़ीर झोली में बांधे तक़दीर कहता है कि ख़ुदा क्या है होता रहे उससे क्या है इस झोली में बंधा क्या है देख जरा तमाशा क्या है अनिश्चितता है और मरण और भला ख़ुदा क्या है अनिश्चितता भयावह है मरने से डरता है ये अंकुर इस लिए हर दम हर लम्हा ख़ुदा ख़ुदा करता है अंकुर अनिश्चितता जीवन ही है निश्चित बस मरण ही है मौत को जो अपनाओगे तो जीना सीख जाओगे आया आया अलमस्त फ़क़ीर झोली में बांधे तक़दीर ©DEAR COMRADE (ANKUR~MISHRA) आया आया अलमस्त फ़क़ीर झोली में बांधे तक़दीर कहता है कि ख़ुदा क्या है #deathsoul