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जज़्बातो को लफ्ज बना कर कलम के सहारे उकेरा ही था

जज़्बातो को लफ्ज बना कर 
कलम के सहारे उकेरा ही था 
की अफवाह ये शहरेआम हो गई 
हमें इश्क़ हुआ है उनसे.......!! 
चंद कविताओं के जरिए जाहिर ये
सरेआम हो गई 
लोगों ने भी कयास लगाए 
आखिर मुहब्बत पर लिखा है 
तो लाज़मी है की मुहब्बत भी हुई होगी
बेखबर है वो इस बात से 
मुहब्बत पर लिखना मुहब्बत होने की असली वजह नहीं होती | #muhbaat
जज़्बातो को लफ्ज बना कर 
कलम के सहारे उकेरा ही था 
की अफवाह ये शहरेआम हो गई 
हमें इश्क़ हुआ है उनसे.......!! 
चंद कविताओं के जरिए जाहिर ये
सरेआम हो गई 
लोगों ने भी कयास लगाए 
आखिर मुहब्बत पर लिखा है 
तो लाज़मी है की मुहब्बत भी हुई होगी
बेखबर है वो इस बात से 
मुहब्बत पर लिखना मुहब्बत होने की असली वजह नहीं होती | #muhbaat