रूह का मिलन जिस्म चाह छोड़ बस प्यार हार जीत का कोई खेल नही नफरत का नामोनिशान नहीं हो आंखों में आसूं ख्वाब किसी और के सजे दिल अपना दर्द किसी और का महसूस हो रूह का रूह बंधन हो ऐसा तू सोचे मेरा नाम मेरे दिल को खबर हो जाए। ♥️ Challenge-623 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।