#OpenPoetry mohabbat चैन सुकून कहां है प्यार मोहब्बत में । जरूरी नहीं कि लफ्ज़ ही करे इजहार मोहब्बत में । माना पाया है सब कुछ तुमने बक्शी है खुदा ने जो रहमत । बेवजह भी मुस्कुराना सिख जाओगे पड़ के तो देखो ,एक बार मोहब्बत में ।। #OpenPoetry mohabbat #nojotogorakhpur