दिल ए राह मासूम है आपका इशारों की भाषा ना समझता है गुजारिश कर उसको, प्रेम की पाठशाला में दाखिला दिलवाए, जहां बतौर शिक्षिका आप ही तैनात हों... दिल-ए-गुमराह को काश मालूम होता, मेरे इतने नजदीक होकर भी वो इतना दूर है मुझसे, इशारा हो नहीं सकता, पुकारा जा नहीं सकता… Collaborating with Saumya Mishra(Sam) #YourQuoteAndMine Collaborating with ꧁🕉༄❥︎⍟—«रांची का शायर»—✪༄🕉️꧂