नखरे उठा रहा हूं तुम्हारी तलाश के रुकता नहीं हूं रास्ता वीरान देख कर, सोचा नहीं था मैंने कभी तेरे जैसा सख्श मुंह फेर लेगा मुझको परेशान देखकर,,! ©Khan Sahab #दिल_की_कलम_से