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तुम तो उसके सबसे अच्छे दोस्त हो उसे बताना मै उसकी

तुम तो उसके सबसे अच्छे दोस्त हो उसे बताना मै उसकी याद मे आज भी तडपती हू, उससे कहना जैसे उसकी एक झलक पाने को मै तब तरसती थी वैसे ही आज भी तरसती हू, वो चली गई मुझे छोड़ कर मुझे इस बात का गिला नही बस गिला तो इस बात का है जो मैने सोचा था वैसा प्यार मुझको मिला नही, उससे कहना मेरे दिल पर आज भी लिखा है नाम उसका ,कया वो भी उससे इतना प्यार करता है मेरा हाथ छोड़कर थामा था उसने हाथ जिसका, मजबूरिया थी उसकी मैने भी नही कोई जोर जबरदस्ती की, मगर अफसोस इतने साल गुजर गये उसने मेरी खोज खबर तक ना ली, तुम तो उस से मिलते रहते हो सच कहना कया उसने मेरे नाम का जिकर किया है, दिल पर हाथ रखकर कह दो कि मै कैसा हू इसका उसने कभी जिकर किया है,मै यहा लम्हा लम्हा बैचेन रहती हू उसकी याद मे ,मेरा दिल आज भी गुजरता है वो सही सलामत रहे इसी फ़रियाद मे, मगर उसने तो मुझे इस तरह भूला दिया जैसे मेरा ना रहा कोई वजूद हो, कया उसे इतनी भी फुर्सत नही कि एक बार आके मेरा हाल जान सके, उसे तो इतना भी ना याद होगा अचानक से सामने आ जाऊ तो मेरी सूरत पहचान सके, मगर मै फिर भी चाहती हू वो जहा रहे सलामत रहे, मै भले ही हजार गम सहती रहू मगर वो कभी ना अपने लबो से उफ कहे, कभी मिलना उससे तो बता देना उसकी आवाज मुझे आज भी सुनायी देती है, वो बीते हुये लमहो को याद करके मुझे वो वैसे ही दिखाई देती है, वो जहा रहे बस हसती मुसकराती रहे मै बस इसी सहारे जी लूंगी, अगर गयी है वो थमा कर जहर का प्याला तो मै उसे मोहबत का जाम समझकर पी लूंगाी
तुम तो उसके सबसे अच्छे दोस्त हो उसे बताना मै उसकी याद मे आज भी तडपती हू, उससे कहना जैसे उसकी एक झलक पाने को मै तब तरसती थी वैसे ही आज भी तरसती हू, वो चली गई मुझे छोड़ कर मुझे इस बात का गिला नही बस गिला तो इस बात का है जो मैने सोचा था वैसा प्यार मुझको मिला नही, उससे कहना मेरे दिल पर आज भी लिखा है नाम उसका ,कया वो भी उससे इतना प्यार करता है मेरा हाथ छोड़कर थामा था उसने हाथ जिसका, मजबूरिया थी उसकी मैने भी नही कोई जोर जबरदस्ती की, मगर अफसोस इतने साल गुजर गये उसने मेरी खोज खबर तक ना ली, तुम तो उस से मिलते रहते हो सच कहना कया उसने मेरे नाम का जिकर किया है, दिल पर हाथ रखकर कह दो कि मै कैसा हू इसका उसने कभी जिकर किया है,मै यहा लम्हा लम्हा बैचेन रहती हू उसकी याद मे ,मेरा दिल आज भी गुजरता है वो सही सलामत रहे इसी फ़रियाद मे, मगर उसने तो मुझे इस तरह भूला दिया जैसे मेरा ना रहा कोई वजूद हो, कया उसे इतनी भी फुर्सत नही कि एक बार आके मेरा हाल जान सके, उसे तो इतना भी ना याद होगा अचानक से सामने आ जाऊ तो मेरी सूरत पहचान सके, मगर मै फिर भी चाहती हू वो जहा रहे सलामत रहे, मै भले ही हजार गम सहती रहू मगर वो कभी ना अपने लबो से उफ कहे, कभी मिलना उससे तो बता देना उसकी आवाज मुझे आज भी सुनायी देती है, वो बीते हुये लमहो को याद करके मुझे वो वैसे ही दिखाई देती है, वो जहा रहे बस हसती मुसकराती रहे मै बस इसी सहारे जी लूंगी, अगर गयी है वो थमा कर जहर का प्याला तो मै उसे मोहबत का जाम समझकर पी लूंगाी