जीवन की रफ़्तार समझ रही या तुममें ही थमी हूँ खुल गयीं गाँठे मुक्त हो रही या तुममें उलझी हूँ दृश्यादृश्य की अभ्यस्त हो रही या मैं तुममें ही हूँ अथवा घनघोर आभास जी रही सच में कहीं नहीं हूँ ✍-राजकुमारी #NojotoQuote #nojoto #nojotohindi #quotes