मसीहा मेरा कातिल हुआ दिल दर्द में नाजिल हुआ तामीर है तिश्नगी की मेरी जो भी हमें हासिल हुआ कहता है गुल कश्मकश में था मैं बहारों जब ये मुझसे कहा... . तू आज बिखरने के काबिल हुआ मसीहा मेरा कातिल हुआ बचाया उसी ने डुबोया था जिसने जब गम का भंवर वो... . यादों में उनकी शामिल हुआ मसीहा मेरा कातिल हुआ हवाओं में था उनका सुरूर दिल को हुआ फिर से गुरुर आहट थी उनकी खामोशियों में... . तन्हाई में जब वो दाखिल हुआ मसीहा मेरा कातिल हुआ ©Ankur Mishra मसीहा मेरा कातिल हुआ दिल दर्द में नाजिल हुआ तामीर है तिश्नगी की मेरी जो भी हमें हासिल हुआ कहता है गुल कश्मकश में था मैं बहारों जब ये मुझसे कहा... .