इक सत्य तू, व अस्तित्व तेरा हर ओर तेरी ही सत्ता तुच्छ निरीह, माटी सा बना मैं फिर भी दँभ हूँ भरता I जन्म मृत्यु, तुझमें समाहित तू बँजर को उरवर करता हे ईश्वर - रक्ष माम् , त्राहि माम् निस्वार्थ भाव मैं, क्षमा याचना करता II -neha'nupur' #mahashivratri God is Great🙏 lets Pray🌺