स्वतंत्रता ....….... स्वतंत्रता भिक्षा नहीं कोई माँगने से जो मिले। शौर्य ही वह मार्ग जिससे शत्रु का शासन हिले।। विकल्प अंतिम बाहुबल ही यही वीर का मित्र है। पराक्रम रूपी लेखनी से बनता मुक्ति का चित्र है।। स्वप्न भी दिखता जिसे है सदा विजय को वरने का। स्वतन्त्र वही रहा पाता है जिसमें साहस हो लड़ने का।। शत्रु समक्ष झुक जाएँ हम यह हमें नहीं स्वीकार है। शिराओं में जिसके शौर्य नहीं उनका जीवन बेकार है।। स्वतंत्रता के लिए बहानी पड़ती रक्त की धार है। नक्षत्र दिखा दें भरे दिवस में ऐसा हम करते प्रहार हैं।। शास्त्र ज्ञान भी भरा है हममें पर अब समय है शस्त्र का। प्रखर करना है बल हमें अब भुजदण्ड रूपी अस्त्र का।। है समय पहचानें सभी हम अपने अपने सामर्थ्य को। आओ जानें वास्तविक हम स्वतंत्रता के अर्थ को।। ✍️अवधेश कनौजिया© #india #independence #स्वतंत्रता #आज़ादी #भारत #शौर्य #दिवस स्वतंत्रता ....….... स्वतंत्रता भिक्षा नहीं कोई माँगने से जो मिले। शौर्य ही वह मार्ग जिससे शत्रु का शासन हिले।।