रतिया के बतिया , पागल करे मतिया , सुनाये कहँवा , परदेशिया से आँखिया, मिलाये कहँवा । सखिया सहेलिया करे ठिठोलिया , पापी पपिहरी के पिउ पिउ बोलिया , भुलायें कहँवा , परदेशिया से......। अँखिया के आँसू बनल बाटे दरिया , अग्नि लगावे फगुनी बेअरिया , बुझाईं कहँवा , परदेशिया से...। " पशुपति " मानवा के लिखे सब बतिया , साजन बिना निक नाही शोभे खटिया , अब जाईं कहँवा , परदेशिया से ......। म #Break_up_day # परदेशिया से अँखिया मिलाईं कहँवा ।