शब्दों के तीर शब्दों के तीर अपनी म्यान रूपी जुबा

शब्दों के तीर 

शब्दों के तीर अपनी म्यान रूपी जुबां से निकाला ना करो।
सोच समझ कर ही इसका तुम इस्तेमाल किया करो।

गर जो एक बार निकला जुबां फिसल गया समझो।
चोट पहुंँचा देता दिल के अंदर इसको प्रयोग करना तुम ज़रा संभाल के।
अनुशीर्षक में://👇👇

     ना जाने कैसे लोग शब्दों के बाण चला देते हैं।
दिल को ठेस पहुँचा कर स्वयं मरहम लगाते हैं।

शब्दों के तीर रखना हमेशा अपना मीठा।
हृदय पर घाव करे गंभीर होने पर ये तीखा।

अपने शब्दों पर ध्यान ज़रा आप दीजिये।
आपके शब्द ही बता देंगे तीर कितने और कैसे थे।
शब्दों के तीर 

शब्दों के तीर अपनी म्यान रूपी जुबां से निकाला ना करो।
सोच समझ कर ही इसका तुम इस्तेमाल किया करो।

गर जो एक बार निकला जुबां फिसल गया समझो।
चोट पहुंँचा देता दिल के अंदर इसको प्रयोग करना तुम ज़रा संभाल के।
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     ना जाने कैसे लोग शब्दों के बाण चला देते हैं।
दिल को ठेस पहुँचा कर स्वयं मरहम लगाते हैं।

शब्दों के तीर रखना हमेशा अपना मीठा।
हृदय पर घाव करे गंभीर होने पर ये तीखा।

अपने शब्दों पर ध्यान ज़रा आप दीजिये।
आपके शब्द ही बता देंगे तीर कितने और कैसे थे।