मौसम है आशिक़ाना, बस तुम नहीं हो । सुर्ख़रू है ज़माना , बस तुम नहीं हो। ख़ूने-ज़िग़र की रोशनाई , इश्क़ की कलम, अधूरा है फसाना , बस तुम नहीं हो। शबे-फुरक़त मे लिखदी , अपनी कहानी, तुमको है सुनाना , बस तुम नहीं हो । राहे-उल्फत मे हमसे , क्या ख़ता हुई , है कछ न कुछ बहाना, बस तुम नहीं हो। हर पल तिरे ख़याल मे , डूबे रहे,"फिराक़", दिल तो है दीवाना , बस तुम नहीं हो। बस तुम नहीं हो... #तुमनहींहो #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi