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जब सब कुछ पहले से ही निश्चित है कि अब चेहरे पर कैस

जब सब कुछ पहले से ही निश्चित है
कि अब चेहरे पर कैसा भाव लाएंगे 
अब कैसे क्या शब्दों का इस्तेमाल करेंगे
सपाट मुखमुद्रा देख किसी पुतले
से वार्तालाप कर रहे हैं, ऐसा महसूस होता है।
क्योंकि भीतर के मानव से मुलाकात कहां होती है।
सब कुछ खोखला बिक रहा है बाजार में...

©Upasna Mishra
  #खोखला