सदियों से बेफिक्र कारवाँ चलता रहा। कदम आगे बढ़ते गए और सिलसिला चलता रहा। कोई हमदम बना तो कोई साथ छोड़कर चल दिया। किसी ने साथ निभाया तो किसी ने रास्ता बदल दिया। किसी की किस्मत में काँटे थे किसी को मिले फूल। किसी को चाँदनी रोशनी मिली किसी को अंगारे और धूल। शायर:- शैलेन्द्र सिंह यादव #NojotoQuote शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी बेफिक्र कारवाँ चलता.रहा।