चाय न जाने कब मसाला चाय बन गई कभी अदरक कभी इलायची में रम गई वक़्त के साथ ये भी देखो फिर हरी हो गई पत्ती तो पत्ती अब फूलों का पानी भी चाय हो गई कुछ नाम याद रहते है तो कुछ स्वाद के भाइ कश्मीर में चाय ही तो कहवा है कहलाई ये चाय भी न, हर किसी के रंग में रंग गई कभी मेरी तो कभी तुम्हारी चाय बन गई ©Rooh_Lost_Soul #chai_story #nojoto #RoohLostSoul