तुझे कैसे बताऊं लम्हें हसीन क्यों न थे, हम आसमां थे ज़मीन क्यों न थे, वक्त ने हमको इंतजार ऐ काबिल बनाया, हम राही थे मंजिल क्यों न थे, तुझे कैसे बताऊं लम्हें हसीन क्यों न थे.....! बे वक्त भी हम निगाहें बिछाए बैठे रहे, तुम आए न मिलने ऐ जिन्दगी, हम महफिल सजाए बैठे रहे, वक्त की नजाकत हम क्या समझते, जब बोतले सारी हदों को पार कर बैठी, हम यूं तेरे नशे में क्यों न थे, तुझे कैसे बताऊं लम्हें...........! तुझे कैसे बताऊं......!