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मुकद्दर मे लिखी होगी गज़ल मेरे खुदा ने इसलिए कुछ द

मुकद्दर मे लिखी होगी गज़ल मेरे खुदा ने
इसलिए कुछ दर्द है कुछ चाह है
है सफर लम्बा मगर किसको पता 
कौन सी मंजिल की सच्ची राह. है
जितने भी ये जख्म हैं मेरे जिसम में
उनमें दोनो दर्द है और आह  है
हंस के जीने की थी मेरी आरजू
इसलिए अबतक मेरे लबों पर वाह  है
 #life  #yourquotedidi
मुकद्दर मे लिखी होगी गज़ल मेरे खुदा ने
इसलिए कुछ दर्द है कुछ चाह है
है सफर लम्बा मगर किसको पता 
कौन सी मंजिल की सच्ची राह. है
जितने भी ये जख्म हैं मेरे जिसम में
उनमें दोनो दर्द है और आह  है
हंस के जीने की थी मेरी आरजू
इसलिए अबतक मेरे लबों पर वाह  है
 #life  #yourquotedidi
saurabhmishra6084

saurabh

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