आपको मोहब्बत नहीं, मान सकते हैं मगर आप हमें मोहब्बत समझाने लगें ये तो अजीब बात होगी........ हम अपने गम अपने पास नहीं रखते आप इसे गमों की तौहीन बताने लगें ये तो अजीब बात होगी........ आपका खयाल था रुखसत का मगर फिर आप हमारे रकीबों के ठिकाने लगे ये तो अजीब बात होगी......... आपके लिए ये गीत लिखते है, सच है आप ये गीत सुनाके किसी को मनाने लगें ये तो अजीब बात होगी......... आप हमसे जवाब मांगे, हक है आपको मगर आप हमपर सवाल उठाने लगें ये तो अजीब बात होगी........ - विवेक विश्वकर्मा #syahi2020 #poetrystudio