आंखों ही आंखों में बात कर के तो देख , इन्ही आंखों से बात बन न जाए तो कहना ... मुझे समझने के लिए मुजमे उतर के तो देख , फिर मुझ पर एतबार हो न जाए तो कहना ... गमजदा दिलो में खुशी परोस कर तो देख , तेरी खुशी में इजाफा हो न जाए तो कहना ... अपने दिल को समंदर बना कर तो देख , पत्थर भी तुजमे डूब न जाए तो कहना .... ©S Talks with Shubham Kumar हो न जाए तो कहना #ZulmKabTak