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#DearZindagi वो कहते थे... जब जाना होता था मुझे क

#DearZindagi वो कहते थे...

जब जाना होता था मुझे कँही बाहर,वो कहते थे,रुको मैं आया तुम्हे लेने,चलना मेरे साथ।

अकेले जाओगी तो डर बना रहेगा,कँही कुछ हो न जाये तुम्हारे साथ।

चाहे जाऊँ जँहा भी साथ चलना जैसे ड्यूटी थी उनकी,चाहे दिन हो या रात कहते मैं हर दम हूँ तुम्हारे साथ।

कभी मैं बड़ी शिद्दत से कुछ करना चाहूँ अगर तो कहती उनसे,अब ये करना है मुझे,कुछ बनना है मुझे।

जवाब आता उनका,तुम्हारे साथ होता नही कभी कुछ अच्छा,इस लिए फ़ैसले ज़रा सूझ बूझ से लेना,क्योंकि मैं इस फ़ैसले में नही हूँ तुम्हारे साथ।

ये सुन कर मानो सारी हिम्मत टूट सी जाती,होता नही कुछ अच्छा कभी मेरे साथ।

कहना गलत नही था उनका,पर कैसे समझाती उन्हें,कि जब तक गिरुँगी नही तो संभलूँगी कैसे।

पर वँहा शायद मेरा तरीका गलत था समझाने का या फिर वो नही समझ पाये मुझे।

आज उनके बिना वो सारी बातें ध्यान रखती हूँ, 
पता नही क्यों दिल से एक आवाज़ आ ही जाती है कुछ करने से पहले,करना संभल के हर काम,क्योंकि वो नही अब तेरे साथ।

मोहब्बत थी उनकी या बस केअर था उनका मेरे लिए,आज जान पाए सालों बीतने के बाद।

यँहा गलती उनकी बस इतनी सी थी,कर लिए केयर हद से ज्यादा मेरा,और मैं खुद से कुछ करना सीख न पाई।

ये बदल गया उनसे दूर होने के बाद,आज कर लेती हूँ अपना हर काम अपने फैसलों के साथ।

अच्छा बुरा समझ आ ही जाता है अब मुझे कुछ कुछ,जो तब तक बिल्कुल नही समझ पाती थी,जब तक चलती थी उनके सहारे के साथ। #Dearzindagi
#DearZindagi वो कहते थे...

जब जाना होता था मुझे कँही बाहर,वो कहते थे,रुको मैं आया तुम्हे लेने,चलना मेरे साथ।

अकेले जाओगी तो डर बना रहेगा,कँही कुछ हो न जाये तुम्हारे साथ।

चाहे जाऊँ जँहा भी साथ चलना जैसे ड्यूटी थी उनकी,चाहे दिन हो या रात कहते मैं हर दम हूँ तुम्हारे साथ।

कभी मैं बड़ी शिद्दत से कुछ करना चाहूँ अगर तो कहती उनसे,अब ये करना है मुझे,कुछ बनना है मुझे।

जवाब आता उनका,तुम्हारे साथ होता नही कभी कुछ अच्छा,इस लिए फ़ैसले ज़रा सूझ बूझ से लेना,क्योंकि मैं इस फ़ैसले में नही हूँ तुम्हारे साथ।

ये सुन कर मानो सारी हिम्मत टूट सी जाती,होता नही कुछ अच्छा कभी मेरे साथ।

कहना गलत नही था उनका,पर कैसे समझाती उन्हें,कि जब तक गिरुँगी नही तो संभलूँगी कैसे।

पर वँहा शायद मेरा तरीका गलत था समझाने का या फिर वो नही समझ पाये मुझे।

आज उनके बिना वो सारी बातें ध्यान रखती हूँ, 
पता नही क्यों दिल से एक आवाज़ आ ही जाती है कुछ करने से पहले,करना संभल के हर काम,क्योंकि वो नही अब तेरे साथ।

मोहब्बत थी उनकी या बस केअर था उनका मेरे लिए,आज जान पाए सालों बीतने के बाद।

यँहा गलती उनकी बस इतनी सी थी,कर लिए केयर हद से ज्यादा मेरा,और मैं खुद से कुछ करना सीख न पाई।

ये बदल गया उनसे दूर होने के बाद,आज कर लेती हूँ अपना हर काम अपने फैसलों के साथ।

अच्छा बुरा समझ आ ही जाता है अब मुझे कुछ कुछ,जो तब तक बिल्कुल नही समझ पाती थी,जब तक चलती थी उनके सहारे के साथ। #Dearzindagi