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पानी हो या मन , दोनों की तासीर एक जैसी है। पानी को

पानी हो या मन ,
दोनों की तासीर एक जैसी है।
पानी को बदला ना जाए ,
तो पानी सड़ने लगता है।
इसी तरह अपने मन में विचारों को_
भी बदलते रहिए।
जो बातें आपके मन को दुखाए,
उन्हें निकाल कर फेंक दीजिए ।

©Labhanshi Agrawal(writer) #bachpan #bechange
पानी हो या मन ,
दोनों की तासीर एक जैसी है।
पानी को बदला ना जाए ,
तो पानी सड़ने लगता है।
इसी तरह अपने मन में विचारों को_
भी बदलते रहिए।
जो बातें आपके मन को दुखाए,
उन्हें निकाल कर फेंक दीजिए ।

©Labhanshi Agrawal(writer) #bachpan #bechange