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आलस्य तन से ज्यादा मन की लाइलाज बीमारी है बिना ठोक

आलस्य तन से ज्यादा मन की लाइलाज बीमारी है
बिना ठोकर के उतरती नहीं ऐसी ये मन की खुमारी है

जब चढ़ जाती है तन मन पर सारे काम रुक जाते हैं
सफलता की दुश्मन सफलता भी इसके आगे हारी है साहित्य कक्ष 2.0
प्रतियोगिता संख्या 08/S2 

आप सभी का स्वागत 💐 है अनुशीर्षक में

✍️चार(4) पंक्ति में (शायरी/मुक्तक) लिखें
        
🅽🅾🆃🅴 - अगर कोई  रचनाकार नियमों और शर्तों को  ध्यान में रखकर Collab नहीं करता है। तो उसकी रचना को हम प्रतियोगिता में सम्मिलित करने में असमर्थ रहेंगे।
आलस्य तन से ज्यादा मन की लाइलाज बीमारी है
बिना ठोकर के उतरती नहीं ऐसी ये मन की खुमारी है

जब चढ़ जाती है तन मन पर सारे काम रुक जाते हैं
सफलता की दुश्मन सफलता भी इसके आगे हारी है साहित्य कक्ष 2.0
प्रतियोगिता संख्या 08/S2 

आप सभी का स्वागत 💐 है अनुशीर्षक में

✍️चार(4) पंक्ति में (शायरी/मुक्तक) लिखें
        
🅽🅾🆃🅴 - अगर कोई  रचनाकार नियमों और शर्तों को  ध्यान में रखकर Collab नहीं करता है। तो उसकी रचना को हम प्रतियोगिता में सम्मिलित करने में असमर्थ रहेंगे।