लिखना कुछ और है, लिख कुछ और रही हूं। लिखना चांद है, और लिख चकोर रही हूं। लिखना कल है, पर उसके लिए लिख आज रही हूं। लिखनी दिल की बात है, पर लिख दिमाग की रही हूं, या यूं कहूं, अंधेरे के लिए फिलहाल उजाला लिख रही हूं। ©Jayshree Bajaj All is good #writing #Jazzbat #Moon