मायुस गर परिंदा हो जाए रोज दाना ढूंढ के कहां से लाएं हर रोज एक नया सफर तय करना मंजिल कहां खत्म पता न पाए मायूस गर परिंदा हो जाए समय का काटा, खाली हाथ जब घर वापस आए मयूस गर परिंदा हो जाए एक उम्मीद की गुंजाइश में रोज सवेरे उड़ जाए मायूस गर परिंदा हो जाए कभी मौसम का वार तो कभी घरौंदा टूट जाए मायूस गर परिंदा हो जाए #yqdidi#yqbaba#insiration