एक खालीपन सा महसूस होता है इस समाज में अभी भी क्योंकि यह समाज प्रेम गीतों का आदी है.. प्रेम सही होता है, लेकिन मोहब्बतों वाला प्रेम आज हर शख्स को अपनी गिरफ्त में ले चुका है अब हर एक व्यक्ति आशिक है और करना,देखना,सुनना सब मोहब्बत से भरे प्रेम को है। ऐसा लगता है कि अब इस समाज में और कुछ है ही नहीं सिवाय मोहब्बत वाले प्रेम के....