"मौन-सम्वाद" "पहले तोलें फिर बोलें, ये तो ठीक लगी है बात। पर शब्द पड़ रहे हों कुछ गौण, तो फिर जायें दिशा हम कौन? " "जब शब्द हों सीमित अर्थ बड़े, हों शब्दकोश के हाथ खड़े, ऐसे में काम आये कौन! इन प्रश्नों के उत्तर देने, देखो खड़ा हुआ है मौन।" "मौन बड़ा मतवाला है ये, देकर जाए पूरा दाम। कहता तो है चुप बैठा हूँ, पर कर जाता अपना काम" "पर मौन तो फिर भी मौन ही है न, विरस, अनबुझा, अपरम्पार। क्या हम इसका कर सकते हैं, कुछ थोड़ा सा रूप निखार, या कह लें कि एक श्रंगार ? " "मौन स्वयं में सुंदर ही है, नहीं मांगता कोई श्रंगार पर मैंने कई बार है देखा, मौन के ऊपर मोती एक - ...एक छोटी सी अश्रुधार।" #NaveenMahajan मौन-सम्वाद #NaveenMahajan #TumBinIshqNahi