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अभी भी हुँ अभी भी हुँ, कि ज़ाया ना हुआ हसरत - ऐ -

अभी भी हुँ

अभी भी हुँ, कि ज़ाया ना हुआ हसरत - ऐ - क़ब्र में
मुमकिन था कि ग़र हँसे भी ना थे तेरे सज़दे में

अभी भी हुँ, कि भीगी हुई दरख़्तों से पानी भी ना सूखे थे, बेवक़्त बरसात ने फ़िर दस्तक़ दे दी

अभी भी हुँ, अधूरे नज़्म की उस क़िताब में
राह तकता हुँ कोई, फ़ुर्सत में ही सही, ज़ज़्बात की क़लम से इसे पूरा कर दे

©Ajay Kumar #अभी_भी_हुँ 

#Drops
अभी भी हुँ

अभी भी हुँ, कि ज़ाया ना हुआ हसरत - ऐ - क़ब्र में
मुमकिन था कि ग़र हँसे भी ना थे तेरे सज़दे में

अभी भी हुँ, कि भीगी हुई दरख़्तों से पानी भी ना सूखे थे, बेवक़्त बरसात ने फ़िर दस्तक़ दे दी

अभी भी हुँ, अधूरे नज़्म की उस क़िताब में
राह तकता हुँ कोई, फ़ुर्सत में ही सही, ज़ज़्बात की क़लम से इसे पूरा कर दे

©Ajay Kumar #अभी_भी_हुँ 

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ajaykumar2050

Ajay Kumar

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