Nojoto: Largest Storytelling Platform

रोज़ तारों को नुमाइश में खलल पड़ता है। चांद पागल ह

रोज़ तारों को नुमाइश में खलल पड़ता है।
चांद पागल है अंधेरे में निकल पड़ता है।

उसकी याद आयी है सांसों ज़रा धीरे चलो 
धडकनों से भी इबादत में खलल पड़ता है। #Mohabbat #shayari #love #quotes #poem
रोज़ तारों को नुमाइश में खलल पड़ता है।
चांद पागल है अंधेरे में निकल पड़ता है।

उसकी याद आयी है सांसों ज़रा धीरे चलो 
धडकनों से भी इबादत में खलल पड़ता है। #Mohabbat #shayari #love #quotes #poem
salmankhan2245

Salman Khan

New Creator