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लम्हों में ठहरना कैसे हैं* मै सोचती हुं। जिंदगी

लम्हों में ठहरना कैसे हैं*


मै सोचती हुं।
 जिंदगी को रंगों से भरना कैसे हैं
खुदको संवारना कैसे हैं ।।

बादलों के परें जाना कैसे हैं।
आसमा को छु के आना कैसे हैं।।

सितारों को मुठ्ठीयों मे भरना कैसे हैं।
हवाओं कें संग बहना कैसे हैं ।।

अन्धरों में भी जुगनू की तरह चमकना कैसे हैं।
शुभा का सुरज बनना कैसे हैं

कितनें सवाल है मेरे पास,
ओर एक यह दुनिया है, जो कहती हैं 
वक्त गुजरता जा रहा है ।।


ओर में सोच रही हूं ।
लम्हों में ठहरना कैसे हैं।।

©pinky sharma 💕 #Poetry #hindi_poetry #hindi_shayari #pswrites_dil_se #poem✍🧡🧡💛 

#standAlone
लम्हों में ठहरना कैसे हैं*


मै सोचती हुं।
 जिंदगी को रंगों से भरना कैसे हैं
खुदको संवारना कैसे हैं ।।

बादलों के परें जाना कैसे हैं।
आसमा को छु के आना कैसे हैं।।

सितारों को मुठ्ठीयों मे भरना कैसे हैं।
हवाओं कें संग बहना कैसे हैं ।।

अन्धरों में भी जुगनू की तरह चमकना कैसे हैं।
शुभा का सुरज बनना कैसे हैं

कितनें सवाल है मेरे पास,
ओर एक यह दुनिया है, जो कहती हैं 
वक्त गुजरता जा रहा है ।।


ओर में सोच रही हूं ।
लम्हों में ठहरना कैसे हैं।।

©pinky sharma 💕 #Poetry #hindi_poetry #hindi_shayari #pswrites_dil_se #poem✍🧡🧡💛 

#standAlone