तेरी बेवफाई के दर्द से टूट जाते, हम इतने भी कमज़ोर ना थे, हमें तो आसमान में इबारत लिखने का शौक था, आखिर उड़ना भी तो बाज़ से सीखा था।। #अंकित सारस्वत # #बाज़