दुनियाँ के भीड़ में उलझा मैं एक सुलझा मुसाफिर हूँ... ना राहें ना मंज़िल कुछ भी नहीं दिखता है मैं एक अंधा मुसाफ़िर हूं ।। #हिंदी #हिंदीशायरियां #उलझी_जिंदगी #सुलझा_मुसाफिर #मंजिल_वाली_राहें #हिंदीqoutes #हिंदी_साहित्य