.. .. रूपवान हो, गुणवान हो, तो हजारों चाहने वाले तो होंगे ही! नासमझ था, बस इतने ही छोटे दिल का था, अपनी चाहत को, उनकी भी चाहत समझ बैठा! वो मुस्कुरा कर बात क्या करते थे, "मंजर" उसको ही मोहब्बत समझ बैठा! #मंमाधन #मंजर #brijeshmehta "गधा" इसको ही मोहब्बत समझ बैठा!