आज फ़कीरा पुछे रब से ,क्यों दर्द के उल्टे पैर क्यों रेंग रेंग कर वक्त रगड़ता ,जब खुशी में जाता तैर कदम कदम उल्झी गुत्थी सा,शक्श लगे हर गैर रब कैसे माशूक बनाऊँ,जग से है जब बैर साँसें साँसे सरक सरक कर ,देह की करती सैर ना जाने ये रूह कहाँ है ,नहीं पता ना ठैर मंदिर सात दुआएँ माँगी,मस्जिद माँगी खैर आज फ़कीरा पुछे रब से ,क्यों दर्द के उल्टे पैर #NojotoQuote फकीर #shonameetha #prayer #journeytoself #spritual #hindinama #kavishala