काफी दिनों से मै बाजार नहीं गया इसीलिए मेरी जीन्स पड़ी पड़ी गंदी हो चुकी थी। तभी मां ने उसे धोने के लिए निकाला और उसमे पड़ा बटुआ मुझे दे दी। मै उस बटुआ को काफी दिनों बाद खोला ,और आपकी तस्वीर नजर आयी और फिर अचानक मुझे आपके ना होने का एहसास फिर दिला दी। ऐसे तो रोज़ याद आता है आपका लेकिन में तारों से गुफ्तगू करके संभाल लेता हूं खुद को। लेकिन इस बार आपके यादों ने यादो के साथ साथ आंसू भी लाए । पापा आपको पता आपके जाने से थोड़ा जिद्दी जो गया हूं बहुत कोशिश करता हूं खुद को संभालने को लेकिन कभी कभी नहीं संभाल पाता। आप मुझे माफ कर देना।आपको याद है पापा आप जब भी रात को देर या सबेरे घर आते थे और बिना हमे अपने हाथो से खिलाए खुद नहीं खाते थे , मुझे ये याद काफी सताती है। पापा आपने तो कभी बताया ही नहीं आप भी लिखने का शौक रखते थे,वो तो आपके जाने के बाद मुझे एक डायरी में लिखी कुछ पंक्तियां दिखी जो आपके लिखे हुए थे। उसे डायरी का एक खूबसूरत पन्ना अब भी मै अपने साथ रखता हूं, जब भी ज़िन्दगी के सफर में अटक जाता हूं पढ़ लेता हूं उसे। पता है पापा कुछ लोगो के साथ साथ मुझे भी यही लगता था कि मुझे लिखने का शौक दिल टूटने के वजह से अाई। लेकिन गहराई से सोचने के बाद आप याद आते हो, तभी मै गलत साबित हो जाता हूं। आप शायद अपने इस शौक को सही स्थान पर ना पहुंचा पाए। लेकिन मै आपके इस अधूरे शौक को अपने हाथों में थाम लिया हूं, और तो और मेरी कलम भी इसमें बखूबी साथ निभाती अाई है अबतक। मै कोशिश करूंगा कि आपके इस सपने को पूरा सही स्थान पर पहुंचा दूं ताकि आप जहां भी हो देख के खुश हो। #adityakikalam#StoryTeller#story nojoto #trd#myline#StoryOnline#adityakikalam nojoto