#बूढ़ी स्त्री आज मेडिकल शॉप पर मिली मुझे एक बूढ़ी औरत झुकी हुई पैर लड़खराते उसने मेरी हाथ पकड़ ली मैने उन्हें सहारे से दुकान की 3 सिढ़ियाँ चढ़ाई उसके काँपते हाथ साड़ी के आँचल से 500 की एक नोट निकाली मैने कहा आप यही बैठिये मैं दवा ला देती हु नोट को कितने तह में मोड़ा था उन्होंने मैं जरा ठहर गयी मैने कहा ये दवा आप खाती है उन्होंने कहा मेरे पति को हार्ट की बिमारी है मैने पूछा कोई साथ 🥺नहीं आया उन्होंने कहा बेटा सरकारी दफ़्तर में है ये नोट गुस्सै से फेक दिया बहु ने हमेशा बीमार रहते हो तुम पति पत्नी.. आज बेटा भी गुस्सै में था शायद बहु ने उसे भी कुछ बोला था, मेरे पति अब चल नहीं पाते मैं उन्हें मरते हुए नहीं देख सकती एक घर के पास का आदमी दूकान तक छोड़ गया, वो दोबारा आएगा ले जायेगा, मैने दवा दिया खरीद कर उन्होंने पैसा नहीं देने दिया.... वो मुड़े नोट अब भी मेरी नजरों में और एक सवाल अगर कोई नहीं लेने आया उन्हें.. फिर भी वो चेहरे पर उनकी हसी बेटा जाओ, तुम्हे देर होगी... यहा बीमार वो बूढ़े नहीं.... बाकी पूरा हालात और वो बच्चे.... खैर एक सीख लोग आत्मा के बिना जी रहे है.... मुर्दा बन कर.... ©Mallika #Nature