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तुम यूहीं आकर चले गए अंजाम का पता नहीं ; यही इब्ति

तुम यूहीं आकर चले गए अंजाम का पता नहीं ;
यही इब्तिदा-ए इश्क़ है जिसकी शब की सुबह नहीं #yqbaba #firstsayari  #thirdquote
तुम यूहीं आकर चले गए अंजाम का पता नहीं ;
यही इब्तिदा-ए इश्क़ है जिसकी शब की सुबह नहीं #yqbaba #firstsayari  #thirdquote