सुन,कान्हा तू श्याम है तो हैं मेरे नैना कजरारे जो तू दीपक है तो बीते बरसों काजल तारे सुन ,कान्हा तू इत्र है तोप मैं मन की कस्तूरी जो तू ढलता चाँद है तो मैं भी रात अधूरी सुन,कान्हा तू प्रेम है तो मिलान की मैं अभिलाषा जो तू ताप्ती रेत है तो मैं भी मृग हूँ प्यासा सुन,कान्हा तू ईश है तो मैं मंदिर की बाती जो तू माया है तो मैं भी शनि की साढ़े साती ~ सुन कान्हा @ Pic : Meera by Isha Chandrekar Sanekar ©Mo k sh K an #Meera #ना_शोना_के_पैराहन_ना_मीठा_के_पैर #Love #Faith #true_love #Belief #loveandlight