पिता पिता का फर्ज कौन अदा कर पाया है बेटे ने हर जगह पिता का अपमान कराया है पिता गर मजदूर हो तो बेटे ने उसके संग जाने में कतराया है बड़े-बड़े स्कूलों में उसने खुद को अफसर का बेटा बताया है यह बात वह भूल कर कितनी मुश्किल से उस पिता ने उसे पढ़ाया रात दिन काम कर पिता ने बेटे को अफसर बनाया है और वही बेटा बाद में उसे दो रोटी खाने को तरसाया है भूल वह दिन बचपन के जो उसने साथ गुजारे बेटे की एक ख्वाहिश में उसने दिन में तारे देखे और वह बेटा दो पैसा कमा कर अपने पिता को आश्रम का रास्ता दिखलाएं