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शर्मिन्दा हूं…! उन फ़ूलों से…!! जिनको तेरे लिये टह

शर्मिन्दा हूं…! उन फ़ूलों से…!! जिनको तेरे लिये टहनी से जुदा किया…!!!

वो फ़ूल…! मेरे हाथों मे ही सूख गये…!! तेरा इन्तजार करते-करते…

©KRISHNA
  #GuzartiZindagi