सोलह सोमवार के व्रत रख के शिव में बेलपत्र चढ़ाकर जो मांगे अपने प्रियवर को वही सच्चा प्रेम कहलाए,,, घोर तपस्या कर अन्न जल के बगैर,,, मांगा आपने प्रियवर को मांगा त्रिलोक धारी शिव शंकर को,,,, प्रेम में लांगी सारी सीमाएं राजकुमारी सी सुकुमारी पार्वती गयी छोड़कर महल को