मुझसे पहले भी शायद उसने किसी और से नजर मिलाई है वो मेरी जिंदगी में आकर ऐसे गई जैसे किसी की बद्दुआ रंग लाई है ना आए नजर जखम मेरे सीने पे चोट जो खाई है वो मेरी जिंदगी में आकर ऐसे गई जैसे किसी की बद्दुआ रंग लाई है उसे देखा तो ऐसा लगा जैसे बहारे मुस्कुराई है वो मेरी जिंदगी में आकर ऐसे गई जैसे किसी की बद्दुआ रंग लाई है उसका दुपट्टा जो लहराता था मौसम भी शर्माता था उसकी जुल्फे थी ऐसी जैसे हूर हवा बनके आई है वो मेरी जिंदगी में आकर ऐसे गई जैसे किसी की बद्दुआ रंग लाई है एक अरमान था दिल मै वो मुझे टूटता हुआ देखे आज फिर ये शायरी अरमान ने जिसके लिए बनाई है वो पागल मेरी जिंदगी से ऐसे गई जैसे किसी की बद्दुआ रंग लाई है .......... अल्लाह खैर करें #अरमान बद्दुआ रंग लाई है.......