तलब बेतलब से परे आशियाँना ,हकीकी मिजाज़ ए महोबत , तुने जाँना कहाँ है?? बेमतलब तो उठता नही , कदम यहाँ याराना उठ कर चल कर ,सरहद पार जाना कहाँ है? उलफत की रंगीनीयों को कौन समज पाया बेसमजी में यहाँ, समजगारी मे जाना कहा है? राहे वफा चल दिये ,नेक कदम बढाते हुए तुम वफा जफा से परे ,घौंसला मे जाना कहाँ है ? दुर तक निगाहों मे परिन्दा ए महोबत , यकीनन दिल ए नूर भीतर है ,बाहर फीर जीनाँ कहाँ है ? #shore तलब बेतलब से परे आशियाँना ,हकीकी मिजाज़ ए महोबत , तुने जाँना कहाँ है?? बेमतलब तो उठता नही , कदम यहाँ याराना उठ कर चल कर ,सरहद पार जाना कहाँ है? उलफत की रंगीनीयों को कौन समज पाया