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#bhagalpur2 न जाने मुझे ये क्या हुआ है, जिं |

#nojotobhagalpur2

न जाने मुझे ये क्या हुआ है,
जिंदगी भी एक बोझ बना है,
न जीने की ख्वाईश है,
न मरने की जीद,
अब तो खुश रहने की भी,
नही है कोई उम्मीद

उम्मीदों से रोशन सपने थे मेरे,
मेरे साथ सभी अपने थे मेरे,
फिर भी,न जाने किस्मत ने ये कैसी रुख है बदली
मेरे दर्द की अनसुलझी पहेली अबतक न सुलझी

न जाने ये कैसा दर्द है, जो हरपल मुझे रुलाता है
दिन की है बेचैनी बढ़ाता, रातों का चैंन छीन जाता है
लाख कोशिशे कर लूं, पर खुद को सम्भाल नही पाती हूँ
कितनी भी कोशिशे कर लूँ, खुश रहने की,फिर भी दुखी हो जाती हूं

वर्त्तमान को छोड़, भविष्य की चिंता में लग जाती हूं,
भविष्य की चिंता से वर्तमान भी जी नही पाती हूँ,
न जाने अपने ही ,दिलोदिमाग से कैसी सजा पाती हूँ
हर बार टूटकर बिखर सी जाती हूं,
बिखरे हुए टुकड़ो को फिर समेटने में लग जाती हूं
कुछ इसतरह मैं खुद को सँवारती चली  जाती हूँ।। #nojotobhagalpur2
#nojotobhagalpur2

न जाने मुझे ये क्या हुआ है,
जिंदगी भी एक बोझ बना है,
न जीने की ख्वाईश है,
न मरने की जीद,
अब तो खुश रहने की भी,
नही है कोई उम्मीद

उम्मीदों से रोशन सपने थे मेरे,
मेरे साथ सभी अपने थे मेरे,
फिर भी,न जाने किस्मत ने ये कैसी रुख है बदली
मेरे दर्द की अनसुलझी पहेली अबतक न सुलझी

न जाने ये कैसा दर्द है, जो हरपल मुझे रुलाता है
दिन की है बेचैनी बढ़ाता, रातों का चैंन छीन जाता है
लाख कोशिशे कर लूं, पर खुद को सम्भाल नही पाती हूँ
कितनी भी कोशिशे कर लूँ, खुश रहने की,फिर भी दुखी हो जाती हूं

वर्त्तमान को छोड़, भविष्य की चिंता में लग जाती हूं,
भविष्य की चिंता से वर्तमान भी जी नही पाती हूँ,
न जाने अपने ही ,दिलोदिमाग से कैसी सजा पाती हूँ
हर बार टूटकर बिखर सी जाती हूं,
बिखरे हुए टुकड़ो को फिर समेटने में लग जाती हूं
कुछ इसतरह मैं खुद को सँवारती चली  जाती हूँ।। #nojotobhagalpur2