दर्द उनके दिल का जानने के लिए आखिरकार उनकी आँखों में उतरना पड़ा मुझे इज्तिराब-ए-दिल ने बगावत कर डाली इसलिए निसार होकर भी ...... रिदा-ए-तब्बसुम ओढ़ना पड़ा मुझे आज वो फूटकर रो ना दे कहीं आखिरकार बाहों में उसे समेटना पड़ा मुझे रोते रोते उसकी सांसें उखड़ने लगी तो अपने लब उसके लबों पर रख ..... इक दूजे की सांसों को जोड़ना पड़ा मुझे ।। #आखिरकार #मुस्कान #मोहब्बत #nojotoquotesforall #nojotowritersclub #nojotohindi #anshulathakur #truequotes #feelings #latenightthoughts