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उसे अपना बनाने के लिए, जब उसके सामने सहेलियां, तुझ

उसे अपना बनाने के लिए,
जब उसके सामने सहेलियां, तुझे लाई थीं,
सच बताना ,
क्या तब मेरी याद आई थीं,

जीवन के जब नए मोड़ मुड़ रही थीं,
तेरी डोर जब, संग उसके जुड़ रही थीं,
जब आंखों से उसकी,
आंखें तेरी टकराई थी,
सच बताना
क्या तब मेरी याद आईं थीं,

खड़ी मिलन की बेहद करीब होगी,
बस बाकि अंगूठी की रस्म होगी,
साजन ने जब हाथों को थामा होगा,
पहनाने वाली ,अंगुली को ढूंढ़ा होगा,
 हथेली जब , कपकपाई थीं,
सच बताना,
क्या तब मेरी याद आई थीं,

दिल से धड़कन जुड़ गई होंगी,
फ़िर कुछ उलझन बढ़ गई होंगी,
जब अपने हाथों से , पहला निवाला ,
उसको खिलाया होगा,
जब, थाम तेरी कलाई को, उसने,
अपने मुख से हटाया होगा,
जब, तू धीमे धीमे शरमाई थी
सच बताना,
क्या तब मेरी याद आई थीं

©Tomar amit kashyap #shadi #SAD  #sadShayari #sadlove #SadLife #tears #milan #Judaai #bichdan 

#handinhand  Supriya arya Geeta Modi Adil Ali Saharanpuri pardeep Vivek Kumar
उसे अपना बनाने के लिए,
जब उसके सामने सहेलियां, तुझे लाई थीं,
सच बताना ,
क्या तब मेरी याद आई थीं,

जीवन के जब नए मोड़ मुड़ रही थीं,
तेरी डोर जब, संग उसके जुड़ रही थीं,
जब आंखों से उसकी,
आंखें तेरी टकराई थी,
सच बताना
क्या तब मेरी याद आईं थीं,

खड़ी मिलन की बेहद करीब होगी,
बस बाकि अंगूठी की रस्म होगी,
साजन ने जब हाथों को थामा होगा,
पहनाने वाली ,अंगुली को ढूंढ़ा होगा,
 हथेली जब , कपकपाई थीं,
सच बताना,
क्या तब मेरी याद आई थीं,

दिल से धड़कन जुड़ गई होंगी,
फ़िर कुछ उलझन बढ़ गई होंगी,
जब अपने हाथों से , पहला निवाला ,
उसको खिलाया होगा,
जब, थाम तेरी कलाई को, उसने,
अपने मुख से हटाया होगा,
जब, तू धीमे धीमे शरमाई थी
सच बताना,
क्या तब मेरी याद आई थीं

©Tomar amit kashyap #shadi #SAD  #sadShayari #sadlove #SadLife #tears #milan #Judaai #bichdan 

#handinhand  Supriya arya Geeta Modi Adil Ali Saharanpuri pardeep Vivek Kumar