#FourLinePoetry हर तरफ़ मेरे अंदाज़-ए-आशिक़ी का ज़िक्र है तौबा तौबा है सारे यहाँ दिल-फ़ेक और नाम सिर्फ़ मेरा तौबा तौबा मैंने गली गली लड़ाई है नज़रें बसाया है मोहब्बत का शहर है आवारगी से वास्ता सभी दीवानों का बदनाम सिर्फ़ मैं तौबा तौबा होश मे कौन रहे जब दिल डूबा हो महबूब की आँखों मे जायज़ नही मग़र वो महबूब बदलते है लिबास की तरह तौबा तौबा मैंने तमाम उम्र गुज़ार दी उसकी अदाओं से बच निकलने का सख़्ती दिखाते है और एक दिल तक नही संभाल सके तौबा तौबा दुनिया को तो ज़रूरत रहती है किस्से की, कहानी बनाने के लिए अफ़वाह से बचने को मिले हम रात मे अब हो गए मशहूर तौबा तौबा ©Aparna Mishra #तौबा तौबा #Hindi #Nojoto #fourlinepoetry Internet Jockey Kripal Singh Gopi Ghumaan Mamupuria Rajendra Singh VAniya writer *